श्री तुलसी प्रणाम
वृन्दायै तुलसी देव्यायै
प्रियायै केशवस्यच
कृष्ण भक्ती प्रदे देवी
सत्य वत्यै नमो नमः
श्री तुलसी आरती
तुलसी कृष्णा प्रेयसी नमो नमों
राधा कृष्णा सेवा पाबो एई अभिलाषी
ये तोमार शरण लोय, तारा वांछा पूर्ण होय
कृपा करी कोरो तारे वृंदावन वासीं
मोरा एई अभिलाष विलास कुंजे दिओ वास
नयन हेरीबो सदा युगल रूप रासि
एई निवेदन धर सखीर अनुगत कोरो
सेवा अधिकार दिए कोरो निज दासी
दिन कृष्णा दासे कोय एई येन मोरा होय
श्री राधा गोविंद प्रेमे सदा येन भासिं
श्री तुलसी प्रदक्षिणा
यानि कानि च पापानी
ब्रह्म हत्यदिकानी च
तानि तानि प्रणश्यन्ति
प्रदक्षिणः पदे पदे